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बिहार में सुखाड़ क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगा 'सबौर-श्री' धान का बीज, सोना उगलेंगे खेत


सूखा प्रभावित जिलों के लिए धान का उन्नत व नवीनतम प्रभेद 'सबौर-श्री' वरदान साबित होगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर की ओर से विकसित धान का यह प्रभेद कम अवधि में फसल देने वाला है। इस बीज की फसल 90-92 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा अनुपलब्ध है या फिर इसके लिए किसानों को कठिनाई झेलनी पड़ती है, उन क्षेत्रों के लिए इस धान की फसल बेहतर पैदावार देने में सक्षम है। 

जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने बताया, जिले में इस बार यह धान का बीज विशेष तौर से मंगाया जा रहा है। किसानों को भी इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने जिले के बीज विक्रेताओं के साथ पिछले दिनों बैठक कर 'सबौर-श्री' धान के बीच के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनका कहना था कि 'सबौर-श्री' केधान के बीज से किसानों को प्रति हेक्टेयर 35-40 क्विंटल उपज मिलेगी।

प्रखंडों में 1800 क्विंटल बीज का वितरण कराने की तैयारी
गया जिले में सरकारी स्तर से 1800 क्विंटल धान का बीज उपलब्ध हुआ है। जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा, धान के बीज की कोई दिक्कत नहीं है। जिले में धान की रोपाई के लिए बिचड़ा (बिहन) डालने को 4100 क्विंटल बीज की जरूरत है। शेष बीज दूसरी किस्मों का वितरित कराया जाएगा। 

अनुदानित दर पर किसानों को कृषि विभाग उपलब्ध कराया जाएगा बीज
कृषि विभाग की ओर से किसानों को अनुदानित दर पर धान का बीज उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को 20 रुपये प्रति किग्रा के भाव से अनुदानित दर पर बीज दिया जाएगा। एक निबंधन पर अधिकतम एक हेक्टेयर के लिए अधिकतम 20 किग्रा बीज दिया जाएगा। धान के बीज की कीमत 36 रुपये प्रति किग्रा है। अनुदान के 20 रुपये किसानों के बैंक खाते में लौटा दिए जाएंगे। 

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