पहली जून यानी सोमवार दोपहर बाद से जहां वाराणसी के कैंट से पहली ट्रेन गुजरेगी उससे पहले रोडवेज की बसें शुरू हो गई हैं। इससे आसपास के जिलों के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए आने में भी सहूलियत होगी। वाराणसी स्टेशन के सामने स्थित बस अड्डे से सुबह दस बजे तक पांच जिलों के लिए बसें रवाना की गईं। बसों में सीट के बराबर ही यात्रियों को ले जाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन सीट से भी कम यात्री बसों में मौजूद रहे। फिलहाल निजी बसों को चलाने की अनुमति नहीं है।
रोडवेज बस अड्डे पर व्यवस्था भी बदल बदली रही। बैरिकेडिंग के जरिए पूरे रोडवेज बस अड्डे को इस तरह से सील कर दिया गया था ताकि बनाए गए गेट से ही यात्री अंदर आ सकें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। यात्रियों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही रोडवेज परिसर में प्रवेश मिला। पहले दिन लोग घरों से कम निकले इसकी वजह से यात्रियों का टोटा रहा। बसों को बिना सीटें भरे ही रवाना किया गया। पहले दिन आजमगढ़, प्रयागराज, जौनपुर, मऊ और शक्तिनगर के लिए बसें भेजी गईं।
बस में चालक और परिचालक के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। बस में चढ़ने वाले यात्रियों का हाथ भी परिचालक सैनिटाइज कराते रहे। कोरोना वायरस से बचाव को जागरुक करने के लिए बसों के अंदर और बाहर पहले से पोस्टर लगाए गए हैं। यात्रियों को आरोग्य सेतु एप मोबाइल में रखना अनिवार्य है। कोविड-19 हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गई है।