गंगा एक्सप्रेस वे बनने से पहले डिजाइन स्तर पर रोड सेफ्टी आडिट होगा। इसके लिए जल्द विशेषज्ञ एजेंसी का चयन किया जाएगा। इसके जरिए एक्सप्रेसवे की डिजाइन की परख होगी ताकि अगर जरूरी हो निर्माण से पहले जरूरी बदलाव किया जा सके।
असल में हादसे के तमाम कारणों में एक्सप्रेस वे की गलत डिजाइन भी जिम्मेदार मानी जाती है। मसलन, अगर अंधा मोड है, किसी जगह स्लोप ज्यादा है या फिर कहीं से दूसरी सड़क जुड़ रही है तो ऐसी डिजाइन दोष पूर्ण मानी जाती है। इस बात का ध्यान पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना में रखा गया। इसके लिए दोष मुक्त डिजाइन तैयार किया किया गया।
गंगा एक्सप्रेस वे यूपी सरकार की नवीनतम महत्वकांक्षी परियोजना है। यह इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी साल इसका काम शुरू कराने को कहा है, हालांकि लाकडाउन के चलते तमाम परियोजनाओं में विलंब हुआ है। यूपीडा की कोशिश है कि निर्माण एजेंसियों का चयन कर इसका निर्माण इसी साल शुरू करा दिया जाए।
असल में सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष निर्देश दिया था कि एक्सप्रेस की जब डिजाइन के वक्त ही उसका रोड सेफ्टी आडिट करा लिया। इस निर्णय के पीछे एक्सप्रेस वे डिजाइन दोषपूर्ण होना था। इसकी वजह से भी एक्सप्रेस वे हादसे काफी हो जाते हैं और यात्रियों की मौत हो जाती है।