जिला प्रशासन के द्वारा अनलॉक 1.0 लोगों को तमाम तरह की छूट दी गई है। साथ ही साथ उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि, वह बिना मास्क लगाए घर से बाहर ना निकले। प्रशासन के द्वारा बाजाप्ता अब मास्क पहनो अभियान भी चलाया जा रहा है लेकिन, प्रशासन के इस अनुरोध को प्रशासनिक कर्मी अभी भी नहीं मान रहे हैं। विभिन्न विभागों का निरीक्षण के दौरान यह देखने को मिला के करीब 30 फीसद कर्मी ही मास्क पहनकर कार्यालय पहुंचे थे।
बाकी लोगों को या तो कोरोना का भय नहीं था अथवा वह प्रशासनिक निर्देशों की अवहेलना कर रहे थे। अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय के साथ-साथ समाहरणालय में अवस्थित विभिन्न विभागों में कर्मियों ने मास्क पहनने के संदर्भ में जागरूकता नहीं दिखाई। अनुमंडल कार्यालय में बड़ा बाबू समेत सभी कर्मचारी बिना मास्क के काम कर रहे थे। यही हाल भू-अर्जन कार्यालय का भी था। नजारत में बैठे कर्मचारी भी बिना मास्क के दिखे। वहीं, समाहरणालय के विधि शाखा में में सभी कर्मचारी मास्क लगाकर बैठे दिखे। बता दें कि, स्वास्थ्य विभाग तथा डब्ल्यूएचओ से मिली जानकारियों के मुताबिक कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब सरकारी विभाग के कर्मचारी ही गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं, तो आम लोगों से वे कैसे इसके लिए कह पाऐंगे?
मास्क पहनना होगा अनिवार्य
जिला पदाधिकारी अमन समीर ने इस संदर्भ में बात करने पर बताया कि सरकारी कार्यालयों में सीटिग अरेंजमेंट को बदलने के निर्देश दिए गए कर्मी इस प्रकार बैठेंगे कि, उनके चेहरे एक दूसरे के सामने नहीं हो इसके अतिरिक्त मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य होगा उन्होंने कहा कि, गुरुवार से अब लगातार अभियान चलाया जाएगा जिसमें सर्वप्रथम सरकारी विभागों की ही जांच की जाएगी।