स्थानीय रेलवे स्टेशन पर स्थित आरक्षण काउंटर पर प्रतिदिन यात्रियों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही है। हालांकि बर्थ बुक कराने वालों से ज्यादा टिकट वापसी करने यात्री पहुंच रहे है। शुक्रवार को दोपहर दो बजे तक लगभग आठ हजार रुपये की आमदनी हुई और ढाई लाख से ज्यादा के टिकट वापसी हुई। वही अनुमान लगाया गया कि रात आठ बजे तक लगभग चार लाख रुपये से अधिक के टिकट वापसी हो सकते है।
फरवरी, मार्च माह में लोगों ने अपने गंतव्य को जाने के लिए विभिन्न ट्रेनों से दिल्ली, मुंबई, हावड़ा, सूरत, गुजरात, जबलपुर, नई दिल्ली, मद्रास, चेन्नई, अहमदाबाद, पंजाब, लुधियाना आदि स्टेशनों के लिए बर्थ बुक कराया था। इसी बीच कोरोना महामारी से बचने के लिए देश में लॉकडाउन कर दिया गया इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने ट्रेन को भी 22 मार्च से बंद कर दिया और यात्रियों के टिकट का पूरा किराया वापस करने के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया।
एक जून से 200 ट्रेनों के चलाने के मद्देनजर 22 मई से रेलवे आरक्षण काउंटर को खोल दिया गया। जिससे यात्री अपने लिए ट्रेनों में बर्थ बुक आसानी से करा सकें लेकिन बर्थ बुक कराने को कौन कहे बर्थ कैंसिल कराने वाले यात्री पहुंचने लगे। बर्थ वही बुक करा रहे है जिन्हें ज्यादा जरूरी कार्य है जैसे उपचार कराने या नौकरीपेशा वाले। इस संबंध में आरक्षण पर्यवेक्षक विपिन कुमार ने बताया कि यात्रियों का टिकट वापसी अभी पूरे माह तक होगा इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है।