विध्यवासिनी मंदिर खोले जाने की तारीख अब दूसरी मोड़ ले रही है। इससे दर्शनार्थियों का इंतजार और बढ़ता जा रहा है। पुरोहितों ने कोरोना का हवाला देकर मंदिर न खोले जाने का फैसला किया है। जबकि श्रीविध्य पंडा समाज व प्रशासन के बीच हुई में काशी विश्वनाथ मंदिर खोले जाने के बाद विध्यवासिनी मंदिर खोलने का निर्णय हुआ था। वहीं दर्शनार्थियों का कहना है कि वाराणसी में तो यहां से भी अधिक कोरोना पॉजिटिव हैं फिर भी सरकार के गाइडलाइन के अनुसार दर्शनार्थियों के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर खोल दिया गया है लेकिन विध्यवासिनी मंदिर अभीतक नहीं खोला जा सका।
आरोप है कि मंदिर न खोलने के लिए गुमराह किया जा रहा है। एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ आम सहमति के बाद कार्ययोजना का बहाना बनाया जा रहा है। मंदिर बंद होने से गरीब पुरोहित व दुकानदार भूखमरी के कगार पर हैं। रविवार को डेढ़ किलोमीटर के दायरे में मंदिर को सील कर दिया गया। पुलिस ने दर्शनार्थियों को मंदिर के पास जाने से रोक दिया।
श्रीविध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने कहा कि हम सभी कोरोना मरीज तीर्थ पुरोहित के रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद कार्यकारिणी बैठक की जाएगी और आमसभा के बाद ही विध्यवासिनी मंदिर पर कोई नियम लागू किया जाएगा।