वाराणसी में रामनगर के राल्हूपुर मल्टीमॉडल टर्मिनल से जलपरिवहन को गति देने के लिए 22.5 करोड़ रुपये का ग्लोबल टेंडर जारी किया गया है। इसमें गाजीपुर से वाराणसी तक गंगा में 250 किमी ड्रेजिंग, टर्मिनल पर लोडिंग व अनलोडिंग के लिए मशीन और पांटून जेट्टी निर्माण के कार्य प्रस्तावित है।
वर्ष-2017 में वाराणसी से हल्दिया के बीच गंगा में जल परिवहन में तेजी के लिए 1390 किमी लंबे जलमार्ग को हल्दिया से फरक्का, फरक्का से बाढ़ (पटना) और बाढ़ से रामनगर (वाराणसी) तक तीन भाग में बांटकर ड्रेजिंग की योजना बनी थी। इस पर 1400 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा था। तब कार्य शुरू नहीं हो पाया।
2018-2019 में जरूरत के मुताबिक पटना से लेकर कैथी (वाराणसी) तक कई बार ड्रेजिंग करायी गयी थी। अब मल्टी मॉडल टर्मिनल तैयार होने के बाद गाजीपुर से वाराणसी के बीच ड्रेजिंग का टेंडर जारी हुआ है। इस दौरान 2.5-3.0 मीटर गहरा और 45 मीटर की चौड़ाई में चैनल बनाया जाएगा। इसी चैनल से परिवहन होगा ताकि गंगा में पानी कम होने पर भी जलपोत के परिवहन में बाधा न आये।
परियोजना के नोडल अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय से जल परिवहन के विस्तारण के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। जून में इसकी प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू कराने की तैयारी है।
हर साल बाढ़ में आती है 54 मिलियन टन सिल्ट
सर्वे के मुताबिक बाढ़ के दौरान हर साल 54 मिलियन टन सिल्ट गंगा में आती है। इसमें 80 फीसदी सिल्ट तो सागर में चली जाती है जबकि 20 फीसदी सिल्ट तलहटी में जमी रह जाती है। इससे नदी की गहराई कम होती जाती है।
फ्रेट विलेज की जमीन के लिए चल रही वार्ता
नोडल अधिकारी ने बताया कि राल्हूपुर के पास 100 एकड़ में फ्रेट विलेज के लिए वाराणसी, चंदौली और मिर्जापुर के जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से बातचीत चल रही है। इन जिलों के किसानों से भी कई बार बात हुई है। अब तक करीब 20 एकड़ जमीन ही उपलब्ध हो पायी है। लॉकडाउन के बाद जमीन अधिग्रहण में तेजी लायी जाएगी।