पशु आश्रय केंद्र भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। मामला विकास खंड जखनियां के करुई गांव का है। जहां लगभग छह महीने पूर्व शासन के निर्देश पर अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनाया गया। शासन द्वारा दिया गया धन धरातल पर खर्च हुआ नहीं दिखता है। आनन-फानन में यह आश्रय केंद्र बांस और बल्लियों को घेरकर बनाया गया, जिसमें 40 मवेशी रखे गए। कुछ ही दिनों बाद दवा और चारे के अभाव में 13 मवेशियों ने दम तोड़ दिया। देखरेख करने वाले चरवाहा बुझारत ने बताया कि महीने में एक बार चोकर आता है।
डाक्टर कभी कभार ही आते हैं जो दवा भी नहीं देते हैं। 40 मवेशियों में से 13 मवेशियों के मौत हो चुकी है। इस समय 27 मवेशी सिर्फ बचे हैं जो खुले आसमान और कीचड़ में रह रहे हैं। वहीं गांव के नन्हे तिवारी ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल का विकास कागजों में सिमट कर रह गया है। धरातल पर कुछ भी नहीं है। खंड विकास अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सारे आरोप निराधार हैं। जब गोवंश आश्रय स्थल बना था तो पांच मवेशी बीमार थे। उनका इलाज कराया गया था। भूसा, बाजरा, चोकर पर्याप्त है। जल्द ही नया टिन शेड का निर्माण कराया जाएगा।