कोरोना संक्रमण के खतरे ने श्रृंगार के कारोबार को भी लपेटे में ले लिया है। लॉकडाउन होने से शहर के चूड़ी और बिंदी कारोबारियों को जबरदस्त झटका लगा है। अचानक बंदी हो जाने से उनकी दुकानों व गोदामों में रखी चूड़ी और बिंदी के बंडल में नमी से फफूंद व दीमक लग गया। बिंदी के गम खराब हो गए। चूडिय़ों का रंग फीका होने लगा। लगन सीजन में कोरोना कॉल होने से इन चीजों का कारोबार नहीं हो पाया। कारोबारियों को अब सावन व सर्दी की लगन में कारोबार होने से घाटा पूरा करने की उम्मीद है।
पूरे पूर्वांचल में फैला है कारोबार
बनारस में जौनपुर, आजमगढ़, मीरजापुर, सोनभद्र आदि आसपास के जिलों के साथ ही चोलापुर, बड़ागांव और पिंडरा आदि से दुकानदार आकर चूड़ी-बिंदी ले जाते हैं। शहर में ब्रांडेड बिंदियों और गांव में नॉन ब्रांडेड बिंदियों की ज्यादा मांग रहती है।
बाहर से मंगाते श्रृंगार के सामान
बनारस में कांच की चूडिय़ां फिरोजाबाद, मेटल की दिल्ली और कड़े मुंबई से आते हैं। फिलहाल अभी यहां के कारोबारी पुराने माल की निकासी को लेकर परेशान हैं।