विभिन्न धर्म के प्रमुखों का अनुमान है कि प्रयागराज शहर में ही पूजा-इबादत स्थलों की संख्या 1500 से अधिक है। पूजा सामग्री बेचने वालों की संख्या 50 हजार से अधिक होने का अनुमान है। इनके परिवार के सदस्यों की बात करें तो फिर संख्या लाखों में पहुंच जाएगी। इन सब का रोजगार महीनों तक डाउन ही रहने के आसार हैं। धर्मस्थलों में किसी को टीका नहीं लगाया जाना है, बाहर के प्रसाद मंदिरों में नहीं चढ़ेंगे। ऐसे में पूजा सामग्री बेचने वालों के सामने बड़ी समस्या है। हालांकि सोमवार से धर्मस्थल खुलेंगे।
मंदिर व सभी धर्मस्थल कल से खुलेंगे
मंदिरों सहित सभी धर्मस्थल सोमवार से खुलेंगे। सभी वर्ग के लोग अपने-अपने कृपानिधान का दर्शन पाने को लालायित हैं। वहीं ऐसे लाखों लोगों पर भगवान की कृपा बरसने में अभी लंबा वक्त लगेगा। यह वह लोग हैं जिनके बिना पूजा ही अधूरी रहती है। फल-फूल, प्रसाद और नारियल चुनरी आदि का उपयोग धर्मस्थलों में सरकार के अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।
हमारे धंधे के लिए भी जारी हो गाइडलाइन
लड्डू विक्रेता निर्भय कुमार द्विवेदी कहते हैं कि सरकार को हमारे धंधे के लिए भी गाइडलाइन जारी करनी चाहिए थी। आखिर हमें भी तो बच्चे पालने हैं। प्रसाद अभी नहीं चढ़ाए जाने हैं यह बात ठीक है लेकिन, हम क्या करें यह बताने वाला कोई नहीं।