एनएसयूआइ (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल से मिला। इस दौरान पत्रक सौंपकर स्कूल प्रबंधन की ओर से लॉकडाउन की अवधि की फीस वसूलने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाए जाने पर नारागजी जताई। शासन-प्रशासन से संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। डीएम ने अभिभावकों की समस्या पर विचार करने का भरोसा दिलाया।
संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा, वैश्विक महामारी के दौर में हर कोई परेशान है। रोजी-रोजगार छिन जाने की वजह से घर-गृहस्थी चलाना मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन शिक्षा व्यवस्था में बाजारीकरण हावी है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने स्कूल प्रबंधन को लॉकडाउन की अवधि की फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव न बनाने का निर्देश दिया था। लेकिन स्कूल प्रबंधन अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए लगातार मोबाइल पर मैसेज भेजा जा रहा है।
फीस जमा कराने के लिए तरह-तरह के दबाव बनाए जा रहे हैं। इससे अभिभावकों के सामने विकट स्थिति पैदा हो गई है। शिक्षा प्रणाली को धंधा बना लिया गया है। इससे छात्र-छात्राओं का अहित हो रहा है। खासतौर से गरीब छात्र महंगी शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन की ओर से केंद्र व प्रदेश सरकार के निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। फिर भी संबंधित विभाग व प्रशासनिक अधिकारी मौन साधे हुए हैं। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।