जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में गुरुवार को विकास भवन में अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें नीति आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप कराए जा रहे विकास कार्यो की समीक्षा की गई। आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण कराने में रुचि न लेने पर सीडीपीओ की जमकर क्लास लगाई। निर्माण कार्य जल्द पूर्ण कराने का निर्देश दिया। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
नीति आयोग ने जिले को अति पिछड़ा घोषित किया है। जनपद में स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कौशल विकास, मूलभूत सुविधाएं, शिक्षा व कृषि के क्षेत्र में सुधार पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन्हीं छह बिदुओं को लेकर तमाम विकास योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। डीएम ने कहा, अधिकारी विकास कार्यो को गति देने में जुट जाएं। जिले के निर्माणाधीन 90 आंगनबाड़ी भवनों में कहीं खिड़की नहीं लगी है तो कहीं दरवाजे की कुंडी गायब है। शौचालयों में शीट लगाने के साथ ही भवन की पेंटिग का काम भी शेष है। प्रत्येक भवन के लिए शासन स्तर से 25 हजार रुपये धनराशि दी जाएगी। बाल विकास विभाग भवनों को शीघ्र पूर्ण कराने के लिए कार्यदायी संस्था के साथ समन्वय स्थापित कर भवनों को पूर्ण कराएं। वस्तुओं की खरीद जेम पोर्टल से ही की जानी चाहिए।
आंगनबाड़ी भवनों में बच्चों को बैठने के लिए अब कुर्सी-टेबल की भी व्यवस्था कराई जाएगी। वहीं कक्षों में आकर्षक चित्रकारी भी करवाई जाएगी। सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव ने कहा कि विभागाध्यक्ष पूरी ईमानदारी के साथ विकास कार्यो में तेजी लाने का प्रयास करें। योजनाओं-परियोजनाओं का लाभ पात्रों को दिलाया जाए। शासन की मंशा के अनुरूप युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा किए जाएं। शासन स्तर से कार्यो की लगातार मानीटरिग की जा रही है। ऐसे में लापरवाही सामने आने पर सख्त कार्रवाई तय है। डीडीओ पदमकांत शुक्ला, डीआइओएस डा. विनोद राय, बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह, उद्योग उपायुक्त गौरव मिश्र, डीसी एनआरएलएम एमपी चौबे व अन्य मौजूद थे।