आरेंज जोन में शामिल जिले में गैर प्रांत व महानगरों से प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक करीब 15 हजार प्रवासी जनपद में आ चुके हैं। यहां पूल टेस्टिग की व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में रोजाना 100 संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए बीएचयू लैब भेजा जा रहा है, लेकिन रिपोर्ट आने में 10 दिन का समय लग रहा है। अभी तक 800 से अधिक संदिग्ध लोगों की रिपोर्ट प्रतीक्षारत है।
कृषि प्रधान जनपद में प्रदेश में सबसे अंत में कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी। प्रवासी कोरोना कैरियर बने। अब तक 32 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसमें 16 सक्रिय केस हैं, जबकि 15 पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। एक की मौत हो चुकी है। संक्रमितों के परिजनों की सैंपलिग कराई गई। लेकिन अभी तक किसी भी स्थानीय निवासी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें, तो पूर्वाचल में कोरोना की जांच के लिए एकमात्र लैब बीएचयू में है।
आस-पास के करीब 10 जिलों के सैंपल की जांच करने में समय लग रहा है। इसके चलते रिपोर्ट आने में विलंब हो रहा है। बहरहाल जांच की लचर व्यवस्था संक्रमण का पता लगाने में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। यह संयोग ही है कि संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हो रही, वरना जिला प्रशासन के लिए हालात को काबू में रखना चुनौतीपूर्ण होता। दो एल-1 अस्पताल तैयार, नहीं भर्ती हो रहे मरीज