केन्द्र सरकार के सहयोग से डुमरांव स्थित हरियाणा फार्म की जमीन पर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज निर्माण योजना एक साल से फाइलों में ही घूम रही है। यहां मेडिकल कॉलेज के साथ पांच सौ बेड के अस्पताल का भी निर्माण होना है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले आनन-फानन में जमीन की नापी हुई और राशि भी आवंटित कर दी गई। तब लगा कि निर्माण जल्द शुरू होगा, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सिस्टम सुस्त पड़ गया और एक साल गुजरने के बाद भी धरातल पर काम नहीं शुरू हुआ।
निर्माण के लिए वास्तुविदों की टीम द्वारा स्थल का ऑन-स्पॉट ड्राईंग एक साल पहले ही तैयार किया जा चुका है। कॉलेज, छात्रावास, अस्पताल एवं रैनबसेरा भवन निर्माण का जिम्मा बिहार मेडिकल सर्विस एण्ड इन्फ्रास्क्ट्रचर को दिया गया है। लेकिन, एक साल बाद भी उक्त कंपनी में कोई सुगबुगाहट नहीं है। कंपनी द्वारा भवनों का डिजाइन तैयार करने की जिम्मेवारी नई दिल्ली के कुपेजा आर्किटेक्टर को दिया गया है। जिसने हरियाणा फार्म की 25.38 एकड़ जमीन की पैमाइस के उपरांत डिजाइन तैयार कर सौंप दिया है। डिजाइन एवं डीपीआर तैयार होने के बाद भवनों के निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी होने की खबर है।
300 करोड़ रुपये से बनना है भवन
केन्द्र सरकार के सहयोग से करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल निर्माण की योजना है। सरकार द्वारा आरंभिक तौर पर करीब 150 बेड के निर्माण के बाद ही अस्पताल शुरू करने का निर्णय लिया गया है। मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक साल 100 छात्र-छात्राओं की दाखिला लेने की योजना का प्रस्ताव मेडिकल कॉलेज ऑफ इंडिया को भेजने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। बता दें कि, डुमरांव में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का सपना धरातल पर उतर जाने के बाद बक्सर जिला सहित पूरे शाहाबाद क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा।