रेलवे कोरोना के खिलाफ जंग में पूरी तरह कूद चुका है। रेलवे अपने एसी और नॉन-एसी कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदल रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका उचित इस्तेमाल किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि रेलवे 3.2 लाख आइसोलेटेड बेड तैयार कर रहा है। इसके लिए 20 हजार कोच में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइन पर रेलवे ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आइसोलेट केंद्र के रूप में तैयार किया है। ऐसी एक ट्रेन सोमवार को बलिया स्टेशन पर भी पहुंची। जिसे देखने के बाद सभी लोग काफी खुश थे। 12 बोगी की कोविड केयर ट्रेन में कई सुविधाएं|
आने वाले दिनों में अगर कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती है तो अस्पतालों के बेड कम पड़ जाएंगे। उस स्थिति से निपटने के लिए संक्रमित मरीजों को उनके लक्षणों के आधार पर अलग-अलग कोच में भर्ती किया जाएगा। लक्षणों या स्वास्थ्य स्थिति में बदलाव होने के बाद उन्हें अस्पताल में भेजा जाएगा। संदिग्ध मरीजों और संक्रमित लोगों के लिए अलग-अलग कोच निर्धारित किए गए हैं ताकि संक्रमण का फैलाव न हो। यदि स्थिति गंभीर होती है तो एक केबिन में दो मरीज भी भर्ती हो सकते है। एक बोगी में 32 आक्सीजनयुक्त बेड|