गुरुवार की आधी रात के बाद शुरू हुई बारिश से धरती की तपिश नरम हो गई। अनवरत हुई बरसात से खेतों में पानी लग गया। वहीं अन्नदाताओं के चेहरे खिल गए। भारी बारिश ने नगर में पानी निकासी की व्यवस्था की कलई खोल दी।
इधर बीच गर्मी व उमस से हर कोई बेचैन हो गया था। गुरुवार की देर शाम से ही आसमान में बादल छाने लगे थे। आधी रात के बाद कभी तेज तो कभी रिमझिम बरसात का दौर शुरू हो गया। शुक्रवार को पूरे दिन रूक-रूककर बारिश होती रही। इस बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। वहीं बारिश को देखकर किसानों के चेहरे खिल गए। कई दिनों से लगातार गर्मी व उमस झेल रहे लोगों के तन-मन को शांति मिल गई। हालांकि कई क्षेत्रों में पेड़ विद्युत तारों के गिरने से बिजली की सप्लाई बाधित रही। सरकारी आवासों का परिसर पानी-पानी
बरसात से नगर के कई सरकारी आवासों के कैंपसों में नारकीय हालत हो गए। नलकूप विभाग, जल निगम, बाढ़ खंड, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, स्टेशन रोड, एससी कालेज आदि स्थानों पर तो घुटने से भी अधिक पानी हो गए थे। जो जहां था वहीं पानी निकलने का इंतजार घंटों तक करता रहा। कजीपुरा, आनंद नगर, हरपुर, मिड्ढी, गुदरी बाजार, चमन सिंह बाग रोड, गड़हा मोहल्ले आदि में घरों में भी पानी घूस गया।