वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लॉकडाउन में बंद घरेलू विमान सेवाओं को 25 मई से शुरू तो कर दिया गया, लेकिन विमानन कंपनियों को यात्री नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कंपनियों ने दूसरा रास्ता निकाला है। जाने के लिए यात्री नहीं मिलने पर वे आने वाले यात्रियों से तीन गुना टिकट मूल्य वसूल कर अपना खर्च निकाल रही हैं। आने वाले यात्रियों की संख्या अधिक होने के चलते विमानन कंपनियों द्वारा किराया बढ़ा दिया गया है। वाराणसी से मुंबई जाने के किराये की अपेक्षा मुंबई से आने का किराया तीन गुना अधिक है। किराया अधिक होने के चलते मुंबई में फंसे बनारस व अन्य जिलों के लोगों को जेब ढीली करनी पड़ रही है।
वाराणसी एयरपोर्ट से जाने वाले यात्रियों की संख्या कम है जबकि मुंबई व दिल्ली समेत अन्य शहरों से आने वाले यात्रियों की संख्या अधिक है। वहीं वापस लौटने वालों को टिकट नहीं मिल रहा है, मिल भी रहा तो उसका किराया काफी अधिक है। इस बारे में एयरलाइंस के अधिकारियों का कहना है कि जाते समय विमान खाली जा रहे और आते समय सभी सीटें बुक हो जा रही हैं। संचालन में विमानन कंपनियों के लाखों खर्च होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मुंबई-वाराणसी का किराया अधिक है।
किराया असामान पर, कैसे लौटें घर
चौबेपुर निवासी एक युवक ने बताया कि पिता मुंबई में काम करते हैं। लॉकडाउन के दौरान उनके पैसे खर्च हो गए। कंपनी में काम बंद है और वे घर वापस आना चाहते हैं लेकिन विमान किराया अधिक होने से नहीं लौट पा रहे। मुंबई में फंसे अन्य लोगों के परिवार वालों का भी यही कहना है।