मानसून की बेरुखी का शिकार हो चुके प्रखंड के तीन किसानों को अब पता चला कि एक ही प्रखंड के चौगाई और खेवली पंचायत में सूखा होने के कारण किसानों को फसल की अनुदान राशि मिल गई है, लेकिन मुरार, मसर्हियां और नचाप इलाके में झमाझम बारिश होने से बेहतर उत्पादन हुआ है। यह पूरा गड़बड़ कृषि विभाग की ओर से हुआ है और इससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। प्रखंड के कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियो की उदासीन रवैया का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद जब किसानों को यह पता चला कि प्रखंड के दो पंचायतों के तो आवेदन स्वीकृत हुए, लेकिन तीन पंचायतों के सभी किसानों के आवेदन रद्द हो गए हैं। विभाग के पोर्टल पर यह दिखाया जा रहा है कि इन पंचायतों में फसलों पर मौसम की मार नहीं हुई है और यहां अनाज की बंपर पैदावार हुई है। पोर्टल पर क्षति का आंकड़ा शून्य दिखाया जा रहा है। जिसके वजह से इन पंचायतों में रहने वाले किसानों को फसल क्षति पूर्ति का अनुदान नहीं मिलेगा।
इस संबंध में कुछ दिन पहले इन पंचायतों के प्रतिनिधि क्रमश: बसंत यादव, शिवजी प्रसाद और नचाप मुखिया बीर सिंह ने संबंधित अधिकारियों से बात की तो पता चला कि राज्यस्तरीय टीम के द्वारा क्राप कटिग के आधार पर सर्वेक्षण कराई गई थी, जिसमे फसल की क्षतिपूर्ति तीस फीसदी से कम होने पर आवेदक किसानों का आवेदन र² करते हुए पोर्टल पर जीरो दिखा दिया।