परमानंपुर गांव के शेल्टर होम में जिला प्रशासन ने क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। यहां पर बीते 55 दिनों से 12 प्रवासी फंसे हुए हैं। वे घर जाना चाहते हैं लेकिन विभिन्न प्रदेशों के रहनवार होने के कारण घर वापसी की व्यवस्था करने में प्रशासन को मुश्किलें हो रही हैं क्योंकि किसी एक के लिए गाड़ी का इंतजाम करना खर्चीला साबित हो रहा है।
इसके लिए इंतजार हो रहा है कि उनके राज्यों तक जाने वालों की संख्या बढ़े तो वाहन का इंतजाम कर उनको घर भेजा जाए। फिलहाल, क्वारंटाइन सेंटर में सुविधाएं आला स्तर की हैं, वहां ठहरे प्रवासियों को कोई परेशानी नहीं हो रही है लेकिन घर की याद उन्हें बेचैन कर रखा है। परमानंदपुर क्वारंटाइन सेंटर में 50 बेड की सुविधा प्रदान की गई है। हर डारमेट्री में आलमारी, बेड, कंबल, चादर, पंखा आदि की व्यवस्था की गई है।
सुबह व शाम को नाश्ता मिल रहा है तो दोपहर व रात को भोजन कराया जा रहा है। पीने के लिए आरओ लगाया गया है। शारीरिक दूरी का अनुपालन करने के लिए एक डारमेट्री में दो से तीन लोगों को एक-एक मीटर की दूरी पर बेड लगाकर ठहराया गया है। एक साथ बैठने नहीं दिया जाता है। दूरी बनाकर बातचीत करने की अनुमति है। 24 घंटे डाक्टर, चिकित्सा कर्मी व सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। डा. राहुल सिंह की निगरानी में वहां का पूरा इंतजाम किया गया है।