इसे रेल अफसरों की लापरवाही कहेंगे या फिर ऑपरेटिंग विभाग के अधिकारियों की मनमानी। जिस श्रमिक स्पेशल का शुक्रवार की शाम से बरेली जंक्शन पर इंतजार हो रहा था। वह ट्रेन बरेली ना आकर आगरा से रूट बदलकर मुजफ्फरपुर भेज दी गई। यहां के अधिकारी शनिवार को भी इंतज़ार ही करते रहे। रेल बेवसाइट पर झांसी के बाद कोई लोकेशन नहीं मिल रही थी। जब अधिकारियों ने फोनिंग शुरू की तो पता चला गाड़ी तो आगरा से ही डायवर्ट कर दी गई थी, जो मुजफ्फरपुर पहुंच चुकी है। तब बरेली जंक्शन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
रेल अधिकारियों के मुताबिक, मुंबई पुणे के दौंड जंक्शन से बरेली होते हुए मुजफ्फरनगर को श्रमिक स्पेशल जानी थी। यह ट्रेन शुक्रवार की शाम 6:20 बजे बरेली पहुंचनी थी। रात 9:48 बजे झांसी स्टेशन पर ऑनलाइन लोकेशन ट्रेस की गई। वहां से 10:20 बजे गाड़ी रवाना हो गई। इसके बाद से गाड़ी की लोकेशन नहीं मिली। चलते-चलते ट्रेक से गाड़ी को लोकेशन अचानक गायब हो गई। 16 घण्टे तक लोकेशन नहीं मिली। रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
क्योंकि रेल बोर्ड से जो पत्र श्रमिक स्पेशल का आया था। उसमें गाड़ी को झांसी से कासगंज होकर बरेली आने का रूट था। यहां से सीतापुर, गोंडा होकर मुज्जफरपुर पहुंचने की टाइमिंग थी। 16 घण्टे के बाद भी गाड़ी जब बरेली नहीं आई तो गाड़ी की लोकेशन न मिलने पर दोपहर एक बजे के बाद अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट दी। तब गाड़ी की तलाश झांसी स्टेशन से शुरू की गई। आगरा में पता चला गाड़ी का रूट डायवर्ट किया गया है। विशेष परिस्थितियों में गाड़ी का रूट बदला गया।
बरेली जंक्शन के स्टेशन अधीक्षक सत्यवीर सिंह का कहना है, जब गाड़ी की लोकेशन नहीं मिली तो मुरादाबाद मंंडल के अधिकारियों को दी गई। इसके बाद रेल अधिकारी ट्रेन की लोकेशन तलाशने में जुटे। रेलवे अधिकारियों ने गाडी के बदले हुए रूट से मुजफ्फर नगर पहुंचने की पुष्टि की है।