गाजीपुर: माह-ए-रमजान का नौवां रोजा रविवार को रखा गया। मुस्लिम समुदाय ने लॉक डाउन को देखते हुए घरों में ही नमाज पढ़, कुरान की तिलावत, तड़के सहरी व शाम को सूरज ढलने के बाद रोजा इफ्तार किया। स्वजनों के साथ बच्चों में भी अपने पहले रोजे को लेकर काफी उत्सुकता देखी जा रही है, हालांकि उससे कहीं अधिक उत्सुकता उनके माता-पिता व परिवार के बुजुर्गों में होती है। बच्चे के पहला रोजा रखने की खुशी में उनके स्वजन सामूहिक भोज कर अपनी खुशी जाहिर करते हैं, लेकिन इस बार लॉक डाउन के कारण ऐसा कुछ नहीं हो सका।
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस बार लोग पांच वक्त की नमाज के अलावा रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज तरावीह के साथ कुरान शरीफ की तिलावत भी अपने घरों में ही कर रहे हैं। इसमें बच्चे भी शामिल हैं। कुरान की तिलावत तो वैसे हर महीने में होती है लेकिन रमजान के महीने में इसकी अहमियत बढ़ जाती है। कारण रमजानुल मुबारक महीने में ही कुरान नाजिल (उतरी) हुई थी। कुरान की तिलावत करने से रोजेदारों की भूख-प्यास मिट जाती है। पता नहीं चलता और समय बीत जाता है। घर में स्वजनों के साथ बच्चे कुरान पढ़ रहे हैं। इससे उन्हें सवाब के साथ तालीम भी मिल रही है।