वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन ने कई दुकानदारों को पुश्तैनी धंधा बदलने पर मजबूर कर दिया है। हालात यहां तक पहुंच गए है कि इलाके के अच्छे मिठाई दुकानदारों में शुमार आज ठेले पर फल और सड़क किनारे सब्जी बेच रहे हैं।
ऐसे दुकानदारों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के चलते उनकी दुकानें बंद हैं। लिहाजा, परिवार के भरण-पोषण के लिए व्यवसाय का ट्रेंड बदलना उनकी मजबूरी थी। आशापड़री चौक के एक चर्चित मिठाई दुकानदार जीउत कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से दुकान बंद है। नतीजतन, परिवार की जरूरतों को पूरी करने के लिए सड़क किनारे सब्जी बेचने का कार्य प्रारंभ किया और आज उसकी सुखद अनुभूति भी महसूस हो रही है। ऐसे ही विचार सिमरी, निया•ाीपुर, बड़का राजपुर सहित कई अन्य गांवों में पुश्तैनी व्यवसाय परिवर्तित कर नए कार्यों की ओर उन्मुख दुकानदारों ने व्यक्त की।
प्रतिदिन तीन सौ रुपये तक की हो जाती है कमाई
कोरोना संक्रमण काल में पुश्तैनी धंधा परिवर्तित कर फल-सब्जी बेचनेवाले दुकानदारों की मानें तो प्रतिदिन लगभग तीन सौ रुपये की कमाई हो जाती है। किसी दिन ज्यादा भी मुनाफा हो जाता है और कभी सड़कों पर पुलिस की सख्त पहरेदारी के चलते ग्राहकों की संख्या में उतार-चढ़ाव होने से सामानों की बिक्री काफी हद तक प्रभावित होती है। लेकिन, कुल मिलाकर जो आमदनी होती है वह आपदा की इस घड़ी में रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त है।