दुनिया के सबसे लंबे भारतीय रेल नेटवर्क को कोरोना ने थाम लिया है। इस दरमियान हो रहे नुकसान की भरपाई में काफी वक्त लगेगा, मगर यह सफर एक नई दिशा के साथ फिर उसी रफ्तार से लौटेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले दिनों में रेलवे की तस्वीर बदलेगी। रेलवे स्टेशनों पर लोग एयरपोर्ट जैसा अनुभव करेंगे। सफर पूरी तरह सुरक्षित, सुगम और स्वस्थ होगा।
अब ऐसे होगा ट्रेन में सफर
उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्त कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान सबके जहन में यही सवाल कौंध रहा है कि रेल कब और कैसे चलेंगी? क्या अब सफर उसी तरह का मुमकिन हो पाएगा। इस पर रेलवे ने काम करना शुरू कर दिया है। संभावना है कि अगर रेल संचालन शुरू होता है तो पहले यात्री ट्रेनें ना चलाईं जाएं। सिर्फ चंद सुपरफास्ट ट्रेनें शुरू हों। बदलाव के नए दौर में सैनिटाइजेशन, शारीरिक दूरी बनाना व मास्क पहनना अनिवार्य हो चुके होंगे। सफर से पहले और बाद में यात्री को एयरपोर्ट की तरह ही समय देना होगा।
मान लीजिये कि आपकी ट्रेन सुबह आठ बजे की है, तो आपको सुबह चार बजे स्टेशन पहुंचना होगा। प्रवेश व निकासी द्वार अलग होंगे। हर यात्री की थर्मल स्क्रीङ्क्षनग होगी। आपके नाम, पते, मोबाइल नंबर दर्ज होंगे, इनका सत्यापन होगा। वेङ्क्षटग रूम में शारीरिक दूरी के साथ रुकने की व्यवस्था होगी। स्टेशन पर सिर्फ वही लोग जाएंगे, जिनका टिकट आरक्षित है। इसके बाद ट्रेन में आपको सैनिटाइजेशन के बाद प्रवेश मिलेगा। सीटों में गैङ्क्षपग होगी। मिडिल बर्थ को खाली किया जा सकता है। कोच में आठ लोगों की बजाय चार लोग सफर कर सकेंगे। दूसरी तरफ ड्यूटी पर तैनात होने वाले कर्मचारी भी इसी दायरे में आएंगे।