इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों में बढ़ी हुई फीस लेने के मामले में सुनवाई के लिए एक जून की तारीख लगाई है। कोर्ट ने रजिस्ट्री को सुनवाई के लिए पक्षकारों के वकीलों को वेब लिंक भेजने निर्देश दिया है। जिससे दोनों वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रख सकें। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने दिया है।
एडवोकेट आदर्श भूषण की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार के निर्देश के बावजूद कई प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर बढ़ी हुई फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। कुछ स्कूलों ने अंतिम तिथि भी घोषित कर दी है। साथ ही अभिभावकों से कहा जा रहा है कि अपने बच्चे का दाखिला जारी रखने के लिए निर्धारित तिथि से पहले फीस जमा कर दें । जबकि सरकार ने निर्देश दिया है प्राइवेट स्कूल लॉक डाउन के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे। कोई भी स्कूल अन्य किसी मद में फीस की वसूली नहीं करेगा । याचिका में यह भी कहा गया है कि कई जिलाधिकारियों ने आदेश जारी किया है कि प्राइवेट स्कूल किसी भी सूरत में अधिक फीस की वसूली न करें लेकिन प्रयागराज में ऐसा नहीं है। यहां प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे हैं।
हाईकोर्ट में 31 तक चलेगी सुनवाई की मौजूदा व्यवस्था
इलाहाबाद हाईकोर्ट अतिआवश्यक मुकदमों की सुनवाई वाली मौजूदा व्यवस्था 31 मई तक जारी रहेगी। कोविड-19 महामारी व लॉकडाउन को देखते हुए अभी खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था को उचित नहीं माना गया। वरिष्ठ न्यायमूर्ति भारती सप्रू की अध्यक्षता में हुई बैठक में न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति बीके नारायण एवं न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय की कमेटी ने कहा कि अभी अदालत खोलने के लिए सही हालात नहीं हैं। ई-फाइलिंग के जरिए अर्जेंट केसों की सुनवाई की व्यवस्था जारी रखने की सहमति बनी। कमेटी ने ई-फाइलिंग की व्यवस्था के सरलीकरण का आश्वासन दिया।