यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने हर जिले में कोरोना वायरस की जांच के लिए टेस्टिंग लैब बनाने के निर्देश दिए हैं। इसी के कोरोना वायरस की जांच के लिए सात जिलों के अस्पतालों में लैब बनाई जाएगी। यहां कोरोना की रियल टाइम पेरीमिरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच होगी। यह लैब बायो सेफ्टी लेवल (बीएसएल) टू की होगी। यानी यहां सुरक्षित ढंग से नमूनों की सटीक जांच हो सकेगी।
राज्य सरकार इन सात लैब को बनाने के लिए 70.58 लाख रुपये खर्च करेगी। उसने 35.29 लाख की पहली किस्त भी जारी कर दी है, ताकि जिलों में तत्काल कोरोना जांच के लिए लैब बनाने का काम शुरू हो जाए। कोविड-19 की जांच के लिए लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में लैब बनेगी। लैब बनाने के लिए पहली किस्त के तौर पर 11.50 लाख रुपए दिए गए हैं।
जिला चिकित्सालय गोंडा को प्रयोगशाला के लिए 3.60 लाख, मंडलीय जिला चिकित्सालय मिर्जापुर को 5.77 लाख, पंडित दीन दयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय अलीगढ़ को 4.91 लाख रुपए, जिला चिकित्सालय मुरादाबाद को 2.52 लाख रुपए, महाराणा प्रताप जिला चिकित्सालय बरेली को 3.91 लाख रुपए और एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय वाराणसी को लैब बनाने के लिए 3.08 लाख रुपये दिए गए हैं। फिलहाल अभी प्रदेश में 22 सरकारी लैब हैं और आठ प्राइवेट लैब कोरोना की जांच कर रही हैं। अब सात नई लैब के बनने के बाद कुल लैब की संख्या 37 हो जाएंगी।