इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासन ने आठ मई से खुली अदालत में कामकाज के सम्बन्ध में बुधवार को गाइडलाइन जारी कर दी। हाईकोर्ट में दो शिफ्ट में काम होगा। सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक की पहली शिफ्ट में सिविल मुकदमों और दोपहर डेढ़ बजे से अपराह्न साढ़े तीन बजे तक दूसरी शिफ्ट में क्रिमिनल मामलों की सुनवाई होगी। यह व्यवस्था फिलहाल इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ही लागू रहेगी। लखनऊ बेंच में खुली अदालत में सुनवाई के पूर्व निर्णय को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है । इस पर आगे बाद में निर्णय लिया जाएगा।
गाइडलाइन के अनुसार जरूरी न्यूनतम स्टाफ के जरिए कोर्ट कार्यवाही चलाई जाएगी।फाइलों को अनुभागों से सेनेटाइज करने के बाद ही कोर्ट रूम में भेजा जाएगा। गेट नंबर 4 व 5 में मुकदमों की रिपोर्टिंग एवं दाखिल किया जा सकेगा जबकि गेट नंबर 3 ए पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहस का इंतजाम किया गया है। वहां से भी बहस की जा सकती है। अदालतें पीछे की ओर नए बने भवन में बैठेंगी। फिलहाल 30 न्याय कक्षों में अदालत चलाने व वकीलों के बैठने की व्यवस्था की गई है। अधिवक्ता गेट नंबर 1 से परिसर में प्रवेश करेंगे। ई-पास धारक अधिवक्ता को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। जिन अधिवक्ताओं के मुकदमे कोर्ट में लगे होंगे, हाईकोर्ट प्रशासन उन्हें ई-पास जारी करेगा।
गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ता एवं हॉटस्पाट जोन में रहने वाले अधिवक्ता अपने घरों में रहें। उन्हें न्यायालय आने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय के प्रवेश द्वार पर हैंडवाश, सेनेटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। वकीलों को हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश से पूर्व इस प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा । बहस के लिए आने वाले अधिवक्ताओं को कोर्ट और गाउन नहीं पहनना है। उन्हें केवल पैंट शर्ट पहनकर आना है, जो घर जाकर आसानी से धुला जा सके। न्यायालय परिसर स्थित अधिवक्ताओं के चैंबर बंद रहेंगे, उन्हें खोलने की अनुमति नहीं होगी ।