विशाखापट्टनम से चली स्पेशल ट्रेन को शुक्रवार की देर रात एक से सुबह छह बजे तक यार्ड में खड़ी करने से श्रमिकों का गुस्सा फूट पड़ा। रेल पटरी पर स्लीपर व ट्रैक के टुकड़ों को रखकर परिचालन बाधित कर जमकर बवाल काटा। इससे पीडीडीयू जंक्शन-नई दिल्ली व वाराणसी-पीडीडीयू जंक्शन रूट पर परिचालन बाधित हुआ तो कई ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया गया। मामले की जानकारी होते ही रेल अधिकारियों में खलबली मच गई। जीआरपी व आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच गए। जवानों ने श्रमिकों को समझा-बुझाकर शांत कराया और रेल परिचालन शुरू करवाया। प्रधानमंत्री से रेल मंत्री तक ट्वीटर के माध्यम से पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई।
लॉकडाउन की वजह से जहां-तहां फंसे श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। विशाखापट्टनम से लगभग 1500 श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए चली। शुक्रवार की रात 12 बजे ट्रेन पीडीडीयू जंक्शन पर पहुंची थी। यहां निर्धारित ठहराव के बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। जंक्शन से कुछ दूर यार्ड में जाकर ट्रेन खड़ी हो गई। शनिवार सुबह छह बजे तक ट्रेन वहीं खड़ी रही। 6.30 बजे श्रमिक आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। उनका कहना था ट्रेन विशाखापट्टनम से बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए चली थी, लेकिन इसको गया-सासाराम होते पीडीडीयू जंक्शन लगा दिया गया।
आधी रात को ट्रेन को यार्ड में बेवजह रोक दिया गया। किसी मजदूर के साथ कोई घटना होती तो जिम्मेदार कौन होता है। आरोप लगाया जब से ट्रेन चली है तब से उन्हें न तो खाना दिया गया और न ही पानी। भीषण गर्मी में श्रमिक खाना-पानी के लिए मोहताज हो गए हैं। श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेन तो चला दी गई, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है। मालगाड़ी सहित श्रमिक स्पेशल हुई बाधित
स्पेशल ट्रेन के श्रमिकों ने लगभग दो घंटे तक परिचालन बाधित किया। पटरियों पर ट्रैक के टुकड़े और स्लीपर रख दिए थे। इस कारण पीडीडीयू जंक्शन-नई दिल्ली और पीडीडीयू-जंक्शन वाराणसी रूट बाधित हो गया है। एक मालगाड़ी और तीन अन्य श्रमिक ट्रेनें जहां-तहां रुक गई। इसके अलावा आधा दर्जन ट्रेनें विलंबित हुई।