बक्सर : कोरोना महामारी को लेकर आम से खास तक हर वर्ग के लोग परेशान हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे शहरों और में फंसे मजदूरों को हो रही है। जो हर हाल में अपने गांव-घर पहुंचने के लिए बेताब हैं। इसकी बानगी सोमवार को देखने को मिली। जहां हजारों किलोमीटर पैदल चलकर दर्जन भर प्रवासी मजदूर एनएच-84 होकर चंडीगढ़ से बिहार के किशनगंज जा रहे थे। इस दौरान भूख-प्यास से बेहाल मजदूरों की बेबसी देख धरहरा गांव के ग्रामीण आगे आए और इन मजदूरों को एक बगीचे में बिठाकर भोजन कराया।
हालांकि, मजदूरों को भय सता रहा था कि कहीं प्रशासन के लोग पकड़ न लें। इन मजदूरों ने बताया कि पांच दिन पहले चंडीगढ़ से हमलोग चले हैं। चंडीगढ़ में हम सभी मजदूरी करते थे। लेकिन, लॉकडाउन होने के बाद ठेकेदार द्वारा भोजन देने से इंकार कर दिया गया। जिसके बाद घर वापस जाने के अलावा हमलोगों के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा और पैदल ही निकल गए। इन मजदूरों से बिहार सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन से सहयोग लेने के बाबत पूछने पर इन्होंने बताया कि घंटो हेल्पलाइन पर संपर्क करने का प्रयास किए। लेकिन, बात नहीं बनी। ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध कराए गए भोजन के उपरांत मजदूरों लोगों का आभार जताते हुए कहा कि हमलोग किसी तरह अपने गांव चले जाएंगे।