बक्सर: लॉकडाउन ने मुश्किलें बढ़ाई तो फिर बड़े शहरों में फंसे लोगों के सामने घर वापसी के अलावा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा हैं। रास्ते की तमाम दुश्वारियों की परवाह किए बगैर अपनों के पास भागे चले आ रहे हैं। भूखे-प्यासे रहकर कोई पैदल ही चल रहा है तो कोई साइकिल से लंबा सफर तय कर रहा है।
प्रखंड के आमसारी गांव के कुल छह युवक रायपुर (छतीसगढ़) से 850 किमी की दूरी तय कर रविवार को चौगाईं प्रखंडस्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर पहुंच गए। घर आए इन युवकों के चेहरे पर सुकून है कि अब हालात चाहे जैसे हों, अपनों के साथ मिलकर उससे निपट लेंगे।
साइकिल से सात दिनों में नाप दी 850 किमी की दूरी
आमसारी गांव निवासी चंचल चौधरी, अमित चौधरी, राजकिरण चौधरी, सुनील गोंड़, नीतू गोंड़ और दयाशंकर गोंड़ एक साल पहले रायपुर में नौकरी करने गए थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के बाद वहां काम-धंधा बंद हो गया और खाने पीने की समस्या उत्पन्न होने लगी। तमाम कोशिशों के बावजूद गांव पहुंचने का कोई रास्ता नहीं दिखा तो सभी युवक चार-चार हजार में साइकिल खरीद कर एक सप्ताह पूर्व रविवार की शाम वहां से रवाना हुए। प्रत्येक राज्यों की सीमा पर युवकों की जांच हुई और वे चौगाईं पहुंच गए। युवकों ने बताया कि एक सप्ताह में 850 किमी दूरी नाप दी। चौगाईं क्वारंटाइन सेंटर पहुंचने की सूचना मिलते ही खेवली सरपंच धनंजय पाठक और मुखिया राजीव कुमार सिंह युवकों से मिलकर क्वारंटाइन का सुझाव दिए। यहां पहुंचे युवक अपनों का संग पाकर काफी खुश नजर आए।