लॉकडाउन में बिहार सरकार के निर्देशानुसार प्रवासी मजदूरों का बसन्तपुर आना निरंतर जारी है। वहीं, प्रशासन द्वारा मजदूरों को उनके ही पंचायत में बने आइसोलेशन सेंटर पर भेजा जा रहा है लेकिन प्रवासियों को क्वारेंटाइन सेंटर भेजने के दौरान भी प्रशासनिक लापरवाही देखने को मिली।
जब एक छोटे से टैंपू में कई लोगों को एक साथ सेंटर भेजा गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का भी पालन नहीं किया गया। बसन्तपुर प्रखंड के बलभद्रपुर पंचायत में प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन करने के लिए अब तक कुल 9 केंद्र बनाए गए हैं। मुखिया प्रतिनिधि बलभद्रपुर मो. तौहीद ने बताया कि मध्य विद्यालय बलभद्रपुर के क्वारेंटाइन सेंटर में 65 प्रवासी मजदूर हैं। 3 मई के बाद से यहां स्वास्थ्य जांच भी नहीं की गई है।
कस्तूरबा विद्यालय में है महिलाओं के लिए सेंटर
मो. तौहीद ने बताया कि एनिया सेल्फिया मदरसा वार्ड 4 स्थित क्वारेंटाइन में 50 प्रवासी मजदूरों, खलिजतुल कोबरा बनात पदमपुर वार्ड 9 स्थित क्वारेंटाइन में 260 प्रवासी मजदूरों, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेरिया कमाल वार्ड 14 स्थित क्वारेंटाइन में 40 प्रवासी मजदूरों को मंगलवार की शाम तक रखा गया था। इसके साथ मदरसा लालपुर गोठ, प्रावि लालपुर गोठ वार्ड 13, प्रावि बेरिया एराजी वार्ड 8, हाई स्कूल बलभद्रपुर वार्ड 01, कस्तूरबा विद्यालय वार्ड एक में महिलाओं के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर में व्यवस्था के अभाव में नहीं रख पा रहे रोजा
स्थानीय लोगों की मानें तो ये प्रवासी मजदूर अपने घरों से भी खाना मंगाते हैं और क्वारेंटाइन में खाते हैं। मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे बलभद्रपुर के वार्ड 09 स्थित पदमपुर बनात पर मजदूरों में आपसी झड़प भी हो गई। वहीं मध्य विद्यालय बलभद्रपुर के क्वारेंटाइन में रह रहे वार्ड 10 कोयली के कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि रात में खाना नहीं बनता है। इसलिए रमजान के दिनों में रोजा नहीं रख पा रहे हैं। अगर व्यवस्था ठीक-ठाक रहे तो कौन नहीं रोजा रखना चाहेगा। यहां की व्यवस्था ही खराब है। वहीं, मध्य विद्यालय बलभद्रपुर क्वारेंटाइन प्रभारी आदित्य झा ने बताया कि मेडिकल टीम को प्रतिदिन दो बार आना है लेकिन तीन मई के बाद अब तक नहीं आई है जो चिंता का विषय है।