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कार्ल मार्क्स की जयंती के अवसर पर मंगलवार को वामदलों के राज्यव्यापी आह्वान पर भाकपा, माकपा एवं भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी बाइपास स्थित सीपीआईएम कार्यालय परिसर में विभिन्न ज्वलंत मुद्दाें को लेकर धरना- प्रदर्शन किया। नेतृत्व कर रहे भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमाेद प्रभाकर ने कहा कि केंद्र सरकार के अदूरदर्शितापूर्ण फैसले ने आम लोगों को संकट में डाल दिया है।
बिहारी मजदूरों एवं गरीबों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए रेल में भाड़ा लिया जा रहा है। वहीं रायसीना हिल्स के सौंदर्यीकरण में वीवीआईपी के स्वागत और विज्ञापन पर हजारों- करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। भगोड़ा मेहुल चाेकसी सरीखे उद्याेगपतियों का 68 हजार करोड़ कर्ज बट्टा खाता में डालकर दरियादिल दिखाई जा रही है। भाकपा नेताओं ने मक्का का समर्थन मूल्य शीघ्र घोषित कर खरीद सुनिश्चित करने, राशन कार्ड की अनिवार्यता शिथिल करने, सबको राशन एवं 10 हजार गुजारा भत्ता देने की मांग सरकार से की है। कहा कि सरकार अगर इस अापदा के समय मजदूरों और किसानों की अनदेखी करेगी तो संघर्ष तेज होगा।
कोरोना से मौत होने पर परिजनों को मिले 20 लाख रुपए का मुआवजा
माकपा राज्य कमेटी के सदस्य गणेश मानव ने पीएम केयर फंड से सभी मजदूरों एवं छात्रों के घर पहुंचाने, कोरोना महामारी के दौरान जिनकी मौत हुई है, उनके परिजन को 20 लाख मुआवजा देने की मांग की। इसके साथ ही किसानों को फसल क्षति मुआवजा शीघ्र देने की मांग उठाई। भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने केंद्र व राज्य सरकार को जन विरोधी बताते हुए निर्माण एवं प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने या दस हजार रुपए मासिक भत्ता देने की मांग की। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद निर्माण मजदूरों को निर्धारित राशि नहीं मिलना संवेदनहीनता का परिणाम है। इस अवसर पर अधिवक्ता कृत नारायण यादव, श्यामानंद गिरी, देवकिशोर देव, अमनदीप कुमार, एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीमउद्दीन, चंद्रकिशोर कुमार, दिलकुश कुमार, सीताराम रजक व अशोक दास सहित अन्य भी शामिल थे।