कोरोना वायरस से लूकरगंज के इंजीनियर की मौत हुई थी। उनके घर काम करने वाली मां-बेटी भी संक्रमण की चपेट में आ गई थीं। आखिर दोनों ने इस महामारी को धता बताते हुए इस पर विजय प्राप्त कर ली। जी हां उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर लेवल वन कोविड-19 अस्पताल कोटवा एट बनी सीएचसी से उन्हें विशेष एंबुलेंस से घर भेजा गया। अब यह 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहेंगी। यहां एक बात जिक्र करने योग्य यह है कि मां-बेटी अन्य मरीजों की अपेक्षा सबसे कम समय में ठीक हुई हैं।
सिविल इंजीनियर के घर काम करने जाती थी महिला
लूकरगंज के रहने वाले इंजीनियर में कोरोना की पुष्टि हुई थी तो उनके संपर्क में आने वालों की खोजबीन शुरू हुई थी। पता चला कि न्यू कैंट के कहार गल्ला बस्ती में रहने वाली एक महिला उनके घर काम करती है। इसके बाद महिला समेत पति व बच्चों को कालिंदीपुरम क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। जब जांच हुई तो नौकरानी व उसकी बेटी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
दो दिन बार जांच निगेटिव आने के बाद किया गया डिस्चार्ज
12 मई को दोनों को कोटवा सीएचसी में ही भर्ती कराके इलाज कराया गया। छह दिन बाद ही दोनों की दो बार जांच की गई तो दोनों बार उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इंजीनियर की पत्नी, मां, सास, भाई व दूसरे भाई की पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव हैं। इन सभी लोगों का इलाज लेवल थ्री कोविड अस्पताल एसआरएन में चल रहा है। पत्नी व मां की रिपोर्ट दो बार पॉजिटिव आ चुकी है।