लॉक डाउन के बाद हरियाणा,पंजाब,दिल्ली,यूपी में फंसे बिहारी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला नहीं थम रहा है। कल तक ये मजदूर चोरी-छिपे पैदल या साईकिल से अपने घरों को जाते थे लेकिन शनिवार को जिला प्रशासन ने उदारता दिखाई और बलथरी चेकपोस्ट पर पहुंचे 830 मजदूरों को बसों द्वारा उनके गृह जिला भेजा गया। विभिन्न महानगरों से जैसे-तैसे चल कर ये मजदूर बलथरी चेक पोस्ट पहुंचे थे, जहां प्रशासन द्वारा इन्हें रोक कर रखा गया था। शनिवार की सुबह से सभी की स्क्रीनिंग कर बसों द्वारा उनके गृह जिले को रवाना किया गया।
स्क्रीनिंग के दौरान संदिग्ध पाए गए 30 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। मजदूरों को भेजने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 10 बसें लगाई गई है जो अलग-अलग फेरे लगाकर उन्हें पहुंचा रही है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा फंसे हुए लोगों को आवाजाही की अनुमति मिलने के बाद बड़ी संख्या में मजदूर पहुंच रहे हैं। सूत्रों की मानें तो यूपी सरकार बिहार के मजदूरों को अपने सीमा तक लाकर छोड़ दे रही है। इनमें सर्वाधिक सुपौल, शिवहर, मोतिहारी, अररिया और कटिहार के मजदूर है।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में नहीं हैं गोपालगंज के यात्री
डीटीओ प्रमोद कुमार ने बताया कि पटना से जो सूची प्राप्त हुई है, उसमें पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन दानापुर रेलवे स्टेशन पर आने वाली है। इस ट्रेन में गोपालगंज के एक भी यात्री नहीं है। अगर नयी कोई सूचना आती है तो इसके लिए प्रशासनिक टीम तैयार है।
पानी और भोजन के लिए तड़प रहे हैं यात्री
यूपी सीमा पर स्थित बथनाकुट्टी चेकपोस्ट पर न होटल है और न प्रशासन के स्तर पर इन लोगों को खाने पीने की व्यवस्था की गई है। जिससे भूखे-प्यासे लोग परेशान हैं। स्क्रीनिंग और रजिस्ट्रेशन करने के बाद अपने जिले जाने के लिए बस का इंतजार करना पड़ रहा है। इस बीच भूखे प्यासे रह रहे है। सुपौल के 22 वर्षीय सुरेश भट,30 वर्षीय नरेश कुर्मी और उसके साथ परिवार के 8 लोगों ने बताया कि गुडगांव से वह ट्रक से कानपुर आया। उसके बाद पैदल बस्ती तक आया। फिर पड़राैना तक प्याज लदी गाड़ी से आया। शनिवार की सुबह चेकपास्ट पर आया है। अभी उसका जांच नहीं हुआ है। पैसा है लेकिन खाने के लिए सामान नहीं मिल रहा है। बिस्कुट खाकर भूख मिटाया जा रहा है।
800 मजदूरों को भेजा गया उनके जिले में
शनिवार को पंजाब, हरियाणा,यूपी के बस्ती, सहारनपुर, आदि जगहों से 830 से यात्री गोपालगंज पहुंचे हैं। जैसे जैसे यूपी के बहादूरपुर चौकी से आगे बथनाकुट्टी पहुंच रहे है। आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद बसों से यात्रियों को उनके जिले के लिए रवाना किया गया।
जांच व रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए 16 काउंटर
शिप्ट में मेडिकल की टीम मौजूद है। वहां बताया गया कि जो भी लोग पहुंच रहे है उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। सभी को स्क्रीनिंग के बाद सभी को बसों से उनके जिलों में भेज दिया जा रहा है। संदिग्ध लोगों रोक कर आइसोलेट किया जा रहा है। इसके साथ ही जो भी लोग आ रहे हैं उन्हें उनके जिला में बने क्वारंटाइन सेंटर के साथ ही साथ घर में 21 दिनों के लिए क्वारंटाइन रहने की सलाह दी जा रही है।
स्क्रीनिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा है पालन
डीएम ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि जांच केन्द्र पर दूसरे प्रदेश से आनेवाले मजदूर व छात्र-छात्राओं की पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच हो इसके लिए व्यवस्था होनी चाहिए । जांच के बाद सभी को मास्क और सैनेटाइजर भी दिया जाए। जांच के दौरान शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा जाए। लेकिन भीड़ के कारण स्क्रीनिंग और रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है।