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घर लौटने की ललक में अपना पूरा बचत राशि खर्च कर ट्रक बुक किया था। सोचा था कि घर पहुंचकर चैन मिलेगा। प्रशासन के निर्देशानुसार क्वारेंटाइन कर लूंगा, लेकिन हुआ उल्टा। रास्ते में ही यूपी पुलिस ने रोक कर क्वारेंटाइन को भेज दिया। पहरा पंचायत के किशुनपुर गांव के मजदूर अमरेश कुमार ने उक्त बातें कही। उसने बताया कि गुरुआ प्रखंड के चिलोर के मटुआ, बरमा एवं गुरारु प्रखंड के पहरा पंचायत के किशुनपुर एवं तांती गांव के 45 मजदूर लुधियाना से एक लाख 25 हजार में ट्रक बुक कर अपने पैतृक गांव आ रहे थे। पंजाब का ट्रक चालक सभी मजदूरों को शेरघाटी तक पहुंचाने लिए मजदूरों से पैसे की वसूली कर लिया था। इसी बीच जैसे ही ट्रक उत्तर प्रदेश के बधोई जिले के जंगिगंज थाना क्षेत्र में पहुंची, तो वहां की पुलिस मजदूरों से भरे ट्रक रुकवाकर सभी मजदूर को अपने कब्जे में लेकर रामदेव पीजी कॉलेज में बने क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया। सेंटर में भर्ती मजदूर काफी परेशान हैं।
मजदूरों को रिहा कराने को भाजपा नेता ने की पहल
पहरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि व भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय कुमार सिंह जंगिगंज थानाध्यक्ष से मोबाइल पर बात किया तो उन्होंने बताया कि जिस जिले के मजदूर हैं वहां के जिला पदाधिकारी बंदोहरी के जिला पदाधिकारी से बात करेंगे तभी हमलोग जिला प्रशासन के आदेश पर ही मजदूरों को यहां से रिहा कर सकते हैं।
किशुनपुर एवं तांती गांव के करीब तीस व्यक्ति हैं शेष लोग मटुआ एवं बरमा के हैं। कंपनी के ठेकेदार ने खाने के लिए पैसा नहीं दिया। आसपास के दुकानदार राशन देना बंद कर दिया, तब घर से पैसे मंगवाकर ट्रक का भाड़ा देकर अपने गांव तक आ रहे थे। इन लोगों का कहना है, क्वारेंटाइन सेंटर पर एक समय ही भोजन मिल रहा है।