लॉकडाउन की वजह से सब्जियों के भाव गिरने से किसान काफी मायूस हैं। गंगा और गोमती के तराई इलाकों में इस वर्ष बाढ़ आने के बाद मिट्टी उपजाऊ हो गई थी। जिसके चलते इस वर्ष करैली, ककरी, तरबूज, लौकी, कोहड़ा जैसे आधा दर्जन सब्जियों की उत्पादन बहुत अच्छी हुई है।
अगर लॉकडाउन नहीं होता तो इस वर्ष अच्छी खासी कमाई हो जाती। सस्ती सब्जियां बेचकर तो लागत का चौथाई भी नहीं आ पा रहा है। पटना, खरौना, सिधौना, गौरहट, गौरी व अमेहता के सब्जी उत्पादक किसानों का कहना है कि इस बार भी सब्जी की खेती काफी महंगी हुई थी। परवल की खेती काफी महंगी और मेहनत से होती है। उसकी लागत न निकले तो उत्पादक किसानों की कमर टूट जाती है।