कोरोना से बचने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया है, क्योंकि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे में फैल जाती है। ऐसे समय में किसी भी क्षेत्र में बाहर से आए लोग विशेष तौर पर विदेश से आए लोगों को 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन और क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। उस व्यक्ति को क्वारेंटाइन में ही रहना है और अपने स्वास्थ्य की नियमित रूप से जांच करानी है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घर जाकर उनकी जांच की जा रही है। होम क्वारेंटाइन के साथ ही आशा कर्मियों द्वारा क्षेत्र के लोगों को कोरोना के विषय पर जागरूक भी किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान सभी को घर में ही रहने, हैंडवॉश करने, साफ-सफाई पर ध्यान देने, नाक-मुंह को ज्यादा हाथ नहीं लगाने आदि की जानकारी आशा कर्मियों द्वारा क्षेत्र के लोगों को दी जा रही है। क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्तियों या बाहर से आए लोगों की जानकारी लेकर स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जा रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. आत्मान्दन कुमार ने शुक्रवार को जिले के एक मात्र रेफरल अस्पताल बड़हिया का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में अस्पताल के ओपीडी, प्रसव कक्ष, आॅपरेशन कक्ष समेत अस्पताल के सभी जगहों का निरीक्षण किया।
चिकित्साकर्मी भी रहेंसतर्क
सीएस ने सभी चिकित्सा कर्मियों को भी तत्पर रहने का निर्देश दिया। उन्होंने अस्पताल की उपस्थिति पंजी का भी निरीक्षण किया। टूटी चारदीवारी व जर्जर भवन पर सीएस ने कहा कि भवन निर्माण विभाग को आवेदन लिखा गया है। बड़हिया रेफरल अस्पताल में मास्क, सैनिटाइजर आदि के लिए एक लाख रुपये दिया गया है। रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक ने सीएस से चिकित्सकों के लिए सुरक्षा किट की मांग की। निरीक्षण में डीपीएम मो. खालिद, नरेंद्र कुमार, अस्पताल प्रभारी डॉ. विनोद सिन्हा, डॉ. अशोक चौधरी, डॉ. प्रभात रंजन, अस्पताल प्रबंधक सुषमा कुमारी, बीएचएम अणु कुमार, सुमन कुमार, सूरज कुमार, कन्हैया कुमार समेत एएनएम व ए ग्रेड नर्स उपस्थित थी।