काेराेना वायरस की दहशत झेल रहे जिलेवासियाें के सामने एक अाैर मुसीबत खड़ी हाे गई है। पक्षियाें के साथ ही मानव जाति के लिए बेहद खतरनाक राेग वर्ड फ्लूने जिले में दस्त दे दिया है। जिले के अकबरपुर के रजहत गांव के आस-पास वर्ड फ्लू के मामले की पुष्टि हाे गई है। मामले की पुष्टि हाे जाने के बाद इलाके में सघन सेनेटाइजेशन शुरू हाे गया। मामले पर नियंत्रण रखने के लिए पशु चिकित्सकाें की पांच टीमाें का गठन किया गया है। दाे दिन पहले एनडीआरएफ की टीम ने भी इलाके में सेनेटाजर का छिड़काव किया था।
इसके अलावा प्रभावित इलाके के िकलाेमीटर तक के सभी मुर्गियाें के मारने का आदेश भी दिया गया है। प्रभावित स्थल पर सुबह से ही अधिकारियाें का जमावड़ा लगा रहा। जांच रपाेर्ट आने के बाद पशुपालन विभाग सहित प्रशासनिक महकमे में भी हड़कंप मच गया। मंगलवार काे डीएम काैशल कुमार ने पशुपालन विभाग के अधिकारियाें के साथ बैठक कर मामले की जानकारी ली। जिले में कई साल बाद वर्ड फ्लू का मामला सामने आया है। इस खतरे से निपटने के लिए पशुपालन विभाग औरस्वास्थ विभाग के अधिकारी लगातार बैठक कर रहें
हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच ही अकबरपुर प्रखंड के फतेहपुर पंचायत स्थित रजहत में बर्ड फ्लू के संक्रमण का भी आशंका बन गई है। इसलिए स्थानीयलाेगाें काे भी एहितहात बरते की सलाह दी गई है। मरे औरबिमार पक्षियाें काे हाथ से न छूने की सलाह दी गई है।
पक्षियाें से लाेगाें में फैलने का खतरा
मंगलवार काे प्रभावित स्थल पर पहुंचे जिला पशुपालन पदाधिकारी डां तरुण कुमार ने बताया कि रजहत स्थित मो मसीहउद्दीन के एक पोल्ट्री फॉर्म में जांच के बाद बर्ड फ्लू का पता चला है। जिला कुकुट पदाधिकारी श्रीनिवास ने माना कि अकबरपुर प्रखंड में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है । संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने के बाद यह रोग मनुष्यों में भी फैल जाता है। नवादा में इस तरह का पहला मामला सामने आया है। इस जानकारी के बाद जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि बर्ड फ्लू का फैलाव दूसरे शहरों या अन्य क्षेत्रों में नहीं हो, इसके लिए सघन सैनेटाइजेशन का काम होगा। इसकी रणनीति बनाई गई है।
मुर्गियाें की सामूहिक किलिंग की होगी कार्रवाई
चिकित्सकाें ने बताया किप्रभावित क्षेत्र के 1 किलोमीटर के दायरे में मुर्गियाें की सामूहिक कीलिंग की कार्रवाई भी की जाएगी। क्षेत्र में पोल्ट्री फॉर्म में मौजूद मुर्गियों को मारा जाएगा। जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए गाईड लाइन के अनुसार ही पोल्ट्री स्थानों पर कार्यवाही की जाएगी। वेटनरी डॉक्टरों की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों को सर्विलांस पर रखा है। वेटनरी डॉक्टरों की पांच टीम तैयार किया गया है।
10 किमी तक के पॉेल्ट्री फार्म सर्विलांस पर
बता दें किवर्ड फ्लू का असर आम लोगों एवं मुर्गी व्यवसाय पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। वायरस से बीमार या संक्रमित मुर्गे-मुर्गियां और चूजे मर जाते हैं। इसका भारी आर्थिक नुकसान होता है। राेक थाम के लिए अन्य पोल्ट्री फार्म के सघन निगरानी की जाएगी। एक किलाेमीटर के दायरे में मुर्गियाें काे मारकर दफनाया जाएगा। इसके अलावा 10 िकलाेमीटर तक के पाेल्ट्री फार्माें काे सर्विलांस पर रखा जाएगा। जानकारी के अनुासार मुर्गियाें की सामुहिक किलिंग काे लेकर पाेल्ट्री व्यवसाईयाें काे मुअावजा भी दिया जाता है।
अफवाहों से बचें
चिकित्सकों के अनुसार वर्ड फ्लू के अफवाहों से भी बचने की जरूरत है। वर्ड फ्लू जैसे गंभीर मामले अाैर पक्षियाें की अस्वाभाविक मौत होने के बाद सतर्क रहना जरूरी है लेकिन अफवाह में नानवेज खाना छोड़ देना जरूरी नहीं है। फ्लू के वायरस उच्च ताप पर नष्ट हो जाते हैं इसलिए पक्षियों के पके हुए मांस में वायरस होने के कोई चांस नहीं होते हैं। इसलिए नानवेज को छोड़ना जरूरी नहीं है।