जहां एक तरफ कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में तैनात केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल नक्सलियों का सामना कर उन्हें मुंहतोड़ जबाव दे दिया। नक्सलियों का पैर पहाड़ी इलाका से उखाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया । जिसके कारण इस इलाका से आज नक्सली आतंक का सफाया हो गया। अब वही दूसरी तरफ सामाजिक कार्यों को भी सीआरपीएफ पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रही है। पटना से चलकर सिंगरौली मध्यप्रदेश पैदल जा रहे 15 भूखे प्यासे मजदूरों को सीआरपीएफ सी 47 बटालियन तियरा द्वारा खाना खिलाया गया। सभी मजदूर पटना जिला के एक बालू घाट पर मजदूरी करते थे। काम बन्द होने के कारण सभी मजदूर वहां बेरोजगारी की समस्या झेल रहे थे। इसी बीच लॉकडाउन के कारण यातायात के साधन उपलब्ध नहीं रहने के चलते उक्त सभी मजदूर 15 अप्रैल को पटना से सिंगरौली जाने के लिए पैदल सड़क मार्ग से यात्रा शुरू किये थे।
जवानों ने रोककर पूछा तो बताई अपनी मजबूरी
नौहट्टा प्रखण्ड अन्तर्गत तियरा सीआरपीएफ कैम्प पर सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ जवानों ने मजदूरों को पीठ पर झोला बोरा लेकर जाते मजदूरों को देख लिया और मजदूरों को जवानों ने रोक कर पूछ ताछ किया तब स्थिति स्पष्ट हुआ और मजदूरों ने आपबीती बताया। जवानों ने मजदूरों को कैम्प के मुख्यद्वार पर बैठा कर यह सूचना सहायक समादेष्टा सुभाष चन्द्र झा को दिया। श्री झा ने मजदूरों की आपबीती सुनी। मजदूरों ने उनको बताया कि पटना से खाना खाकर चले हैं।
रास्ते मे केवल बिस्कुट खाकर चल रहे थे सभी
रास्ते मे केवल बिस्कुट खाकर पानी पीकर चलते हैं। जिस गांव में रात हो जाता है उसी गांव में रुक जाते हैं और सुबह होते हमलोग यात्रा शुरू कर देते हैं। मजदूरों ने बताया कि परसो रात में एक गांव में रुके थे तो उस गांव के कुछ ग्रामीण जुट कर हमलोगों को खाना खिलाये थे। उसके बाद रास्ता में कही भोजन नसीब नहीं हुआ है। मजदूरों ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हमलोग एक महीना पटना में रुके रहे। हमलोगों के पास जो पैसा और राशन सामग्री था सब खत्म हो गया।
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