निखिल साहू, लखनऊ खांसी को लगातार नजरअंदाज कर रहे लोग कोरोना के खौफ में अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में दो महीनों में दो हजार से ज्यादा टीबी के मरीजों को चिह्नित किया गया है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीके सिंह के मुताबिक, शहर के सभी 74 डॉट्स सेंटरों में रोजाना 20-30 लोग बलगम की जांच के लिए आ रहे हैं। इनमें कोरोना को लेकर भय है। बलगम की जांच में लोगों में टीबी होने की पुष्टि होती है। राजधानी में जनवरी से अब तक 3700 लोग टीबी मरीजों की सूची में जुड़े हैं। डॉक्टर ने बताया की फरवरी से अब तक करीब 2500 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई है। इसमें करीब 150 मरीज एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट टीबी) और 20 मरीज एक्सडीआर (एक्सटेनसिवली ड्रग रेजीस्टेंट टीबी) वाले हैं। वहीं, पिछले साल के आखिरी तीन महीनों में 1600 मरीज सामने आए थे। बीच में कोर्स छोड़ने वाले भी आ रहे डॉ. बीके सिंह ने बताया की इनमें टीबी के कई ऐसे मरीज हैं जिन्होंने छह महीने का कोर्स पूरा न करके बीच में ही छोड़ दिया था। कोरोना के डर से अब वे वापस कोर्स शुरू करने को डॉट्स केंद्र पहुंच रहे हैं। करीब 300 मरीजों ने अपना फिर से कोर्स शुरू किया है। लॉकडाउन में टीबी से पीड़ित मरीजों को दवा की समस्या नहीं होने देने के लिए उन्हें एक महीने की दवा दी जा रही है। वहीं, दवा खत्म होने पर टीबी मरीज को उसके नजदीकी डॉट्स केंद्र पर दवा तत्काल मिल जाएगी।
कोरोना के खौफ में दो माह में मिले ढाई हजार टीबी मरीज
बुधवार, अप्रैल 22, 2020
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