दफ्तराें का लॉक हटा, लेकिन बाजार अभी भी डाउन। कोरोना का खौफ ऐसा कि छूट के पहले दिन सोमवार को सड़कों पर सन्नाटा दिखा। छूट के बावजूद भी मीट, मछली व चिकेन के अधिकांश दुकान नहीं खुले। खरीदार भी नहीं दिखे। छूट वाले सरकारी व प्राइवेट दफ्तरों के दरवाजे का लॉक जरूर खुल गया। लेकिन डर और भय के बीच चेहरे पर मास्क लगाकर कर्मी काम करते दिखे। लॉक डाउन का नजारा पहले के जैसा ही दिखा। सड़कों पर पुलिस गश्त करते नजर आयी। क्यूआरटी के टीम भी मुहल्लों में सायरन बजाते हुए मोहल्लों में गश्त किया। ताकि लोग लॉक डाउन का पालन करते हुए घरों में कैद रह सकें। लोगों ने भी धैर्य का परिचय देते हुए घरों में ही रहना उचित समझा।
मास्क व सेनेटाइजर से लैस दिखे कर्मी, भय के बीच कर रहे काम
सोमवार को शहर के कलेक्ट्रेट से लेकर अलग-अलग सभी विभागों के कार्यालयों का लॉक खोल दिया गया। नियत समय पर सरकारी कर्मी ऑफिस पहुंचे। लेकिन मास्क व सेनेटाइजर से वे लैस दिखे। काेरोना संक्रमण को लेकर कर्मियों में भय व दहशत का माहौल है। भास्कर टीम कलेक्ट्रेट स्थित कई विभाग के कार्यालयों में गई। इसके साथ-साथ अन्य कार्यालयों का भी जायजा लिया। सभी जगह कर्मचारी कोरोना को लेकर सतर्क दिखे। मास्क व सोशल डिस्टेंस कायम था। इस दौरान हमने कर्मियों से बात की। नाम न छापने के शर्त पर दो सरकारी कर्मियों ने कहा कि परिवार के मन से नहीं, लेकिन देश निर्माण में जान हथेली पर रखकर ड्यूटी करने आए हैं। अब जो होना होगा, वही होगा। टीवी व अखबार में खबर देखकर परिवार डरा हुआ है और सजग भी है। कोरोना संक्रणम कितना खतरनाक है, अब सभी को मालूम हो चुका है। लिहाजा ड्यूटी आने पर परिवार में दहशत है। परिजनों का मानना है कि लॉक डाउन तक दफ्तर नहीं खुलता तो ज्यादा ठीक था। लेकिन अब खुल गया है तो हम पूरी इमानदारी से अपनी काम को कर रहे हैं।
85 बाइकों की हुई जांच, 17 से वसूला गया जुर्माना
छूट के पहले दिन नगर थाना पुलिस शहर में पहले के जैसा ही सख्त नजर आयी। शहर के अलग-अलग चेक पोस्ट पर पुलिस द्वारा सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया। नगर थानाध्यक्ष रवि भूषण ने बताया कि अलग-अलग चेक पोस्ट पर 85 वाहनों को चेक किया गया। जिसमें हेलमेट, सोशल डिस्टेंस, कागजात की जांच की गई। इनमें से 17 लोगों को कागजात और बिना हेलमेट के पाए जाने पर जुर्माना वसूला गया।
कोरोना से पहली जंग जीते, अब आखिरी जंग की तैयारी
डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि जिलेवासियों के धैर्य, साहस और जागरूकता के बल पर औरंगाबाद ग्रीन जोन में शामिल हुआ। यह कोरोना के खिलाफ पहली जीत है। अब अगले तीन मई तक लॉक डाउन है और यह कोरोना के खिलाफ आखिरी जंग। अगर लोग इसी तरह धैर्य, साहस व जागरूकता के परिचय दिए तो आखिरी जंग भी जीत जाएंगे। जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट जाएगी।
अस्पताल के ओपीडी में पहले की तुलना में 10% पहुंचे मरीज
शहर के सदर अस्पताल में छूट के पहले दिन ओपीडी पहले की तुलना में 10 फीसदी मरीज पहुंचे। इसके पीछे दो कारण है। एक तो लोगों के बीच में कोरोना संक्रमण को लेकर खौफ है और लोग जागरूक हैं। दूसरी वजह ये कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद है। लिहाजा मरीज शहर तक नहीं पहुंच पा रहे। शहर के सदर अस्पताल में लॉक डाउन के पहले तक एक दिन में 800 से 1200 मरीज तक मरीज पहुंचते थे। लेकिन सोमवार को छूट के पहले दिन ओपीडी में 135 मरीज ही पहुंच पाएं। सदर अस्पताल में ओपीडी फिलहाल इमरजेंसी वार्ड में ही शुरू की गई है। जहां जनरल मरीजों को भी देखा जा रहा है। लेकिन जल्द ही ओपीडी सेवा को 54 नंबर वार्ड में पूर्व की तरह शुरू की जाएगी। लेकिन शहर के अधिकांश निजी क्लिनिक में अभी भी ओपीडी की सुविधा शुरू नहीं हुई है। शहर में 30 से 40 छोटे-बड़े निजी क्लिनिक हैं। जिनमें से 10 से 15 ही पहले दिन शुरू हो पाए। उम्मीद है दो तीन दिनों में सारे निजी क्लिनिक शुरू हो जाएंगे।
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