चार दिन पूर्व कंटोंमेट जोन घोषित किए जाने के बाद सील हुए बिहारीगंज प्रखंड के मोहनपुर पंचायत के लोग गांव में बुरी तरह से फंसे हुए हैं। अधिकांश लोगों के अब राशन का सामान समाप्त हो गया है। संभ्रात लोगों के भी सब्जी समेत राशन का अन्य सामान समाप्त है। पशुपालकों के पशु के लिए बाजार से खरीदा जाने वाला चारा समाप्त हो गया है। लोग बिलबिला रहे हैं। चोरी-छिपे अगर बिहारीगंज बाजार सामान खरीदने आते भी हैं, दुकानदार आधार कार्ड मांगता है। मोहनपुर पंचायत का निवासी होने की जानकारी मिलते ही राशन का सामान देने से मना कर देता है। इस तरह की परेशानी से निबटने के लिए डीएम ने स्थानीय प्रशासन को चार दिन पूर्व ही आदेश दे रखा है, बावजूद पदाधिकारी ने कोई व्यवस्था नहीं की। उपर से नीचे तक के पदाधिकारी एक-दूसरे के हवाले जिम्मा होने की बात कहकर टाल रहे हैं। अगर यही स्थिति बनी रही तो पंचायत में स्थिति विस्फोटक बन सकती है। लोगों को दवाई, आटा, चावल, दाल, सरसों का तेल, हरी सब्जी, साबुन, मास्क, सैनिटाइजर, पशुओं का दाना आदि अविलंब चाहिए।
बोले ग्रामीण- डीलर की ओर से दिया गया राशन बेहद घटिया, जो पशुओं के खाने लायक भी नहीं है
मोहनपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार दास ने बताया कि संक्रमित मरीज मिलने के बाद पंचायत के जितने भी लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया है। उन सभी के मवेशियों को चारा देने वाला कोई नहीं है। ऐसे लोगाें की संख्या 40 से अधिक है। जिस दिन से पंचायत को सील कर लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया है, उस दिन से सभी मवेशी भूखे पड़े हैं। आदमी और पशु के लिए गांव में प्रशासनिक स्तर से किसी भी प्रकार का राहत की व्यवस्था नहीं की जा रही है। जो लोग घर में भी हैं, उन्हें घर से निकलने नहीं दिया जा रहा है। उन लोगों के भी पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। मोहनपुर वार्ड 13, 14, 15 की महिला प्रमिला देवी, शीला देवी, ललिता देवी, अभिषेक कुमार, धीरेन पासवान, राहुल यादव, गोविन्द पासवान, पंकज यादव, राजीव कुमार, बिरेंची पासवान, शकर पासवान, सत्तन ऋषिदेव, बिदुर पासवान, दिनेश दरबे आदि ने बताया कि इससे पहले भी डीलर के द्वारा जो चावल दिया गया था वह बिल्कुल ही सड़ा हुआ निहायत ही घटिया था। जो जानवर के खाने लायक था। अभी तक राशन कार्डधारियों के खाते में सरकार द्वारा भेजे जा रहे 1000 रुपए भी नहीं पहुंचा है। संक्रमण केंद्र से हम लोगों के वार्ड की दूरी अधिक है, फिर भी हम लोगों के गांव को सील कर दिया गया है।
लोगों के पास गेहूं है पर उसे खा नहीं सकते
पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि शिव शंकर कुमार मेहता ने बताया कि कंटाेंमेंट जोन घोषित करने के बाद यहां के गरीब लोगों में भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। पुलिस प्रशासन का पहरा लगा है। ना लोगों को बाहर जाने दिया जाता है ना बाहर से अंदर। ऐसे में प्रशासन को आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाना चाहिए था। ऐसा नहीं होने के कारण गरीब तबके के लोगों की समस्या गंभीर होते जा रही है। उपर से बिहारीगंज पंचायत के मुखिया द्वारा लाउडस्पीकर से संक्रमित क्षेत्र मोहनपुर के लोगों का सील किए गए एरिया से बाहर आने पर आर्थिक जुर्माना या केस किए जाने की घोषणा कराने के बाद बिहारीगंज बाजार के दुकानदार भी सामान देने से इंकार कर रहे हैं। बिहारीगंज के व्यवसाई यह जानने के बाद कि यह लोग कंटोंमेंट जोन से आए हैं, लोग सामान देने से डर रहे हैं। हालात यह है कि अब लोगों के पास गेहूं तो है पर आटा-चक्की के बंद होने के कारण उसे पिसाई भी नहीं कर पा रहे। हरी सब्जी, तेल, चीनी, नमक, दाल साबुन, दवाई इत्यादि की भारी किल्लत हो गई है। दूसरी ओर, बिहारीगंज पंचायत की मुखिया नैना देवी व मुखिया प्रतिनिधि रतन चंद दास ने बताया कि एसडीएम के आदेश से लाउड स्पीकर से घोषणा करवाया गया था कि मोहनपुर पंचायत में कोरोना वायरस मरीज की पहचान की गई है। उसके आसपास 3 किलोमीटर परिधि को सील किया गया है। सील किए गए मोहनपुर पंचायत के लोग ना बाहर आ सकते हैं ना हीं उस क्षेत्र में कोई अंदर जा सकता है।
मुखिया को किया गया है निर्देशित : एसडीएम
एसडीएम एसजेड हसन ने बताया कि बीडीओ के द्वारा होम डिलीवरी का काम चल रहा है। जरुरतमंद व्यक्ति आॅर्डर के साथ रुपए देगा, तो उसे उस हिसाब से सामान पहुंचाया जाएगा। मुखिया को निर्देशित किया गया है कि ऐसे लोगों की सूची बनाएं। उस हिसाब से गांव के कुछ दुकानों को और कुछ वाहनों को आदेश कर दिया जाएगा। कुछ लोगों को सामान मिला भी है। दूसरी ओर, आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि आज से होम डिलिवरी का काम शुरू करवा दिया जाएगा।